चेनाप घाटी (Chenap Ghati) चमोली (Chamoli) क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल (Garhwal Mandal) के सीमांत चमोली (Chamoli) जिले में विश्वधरोहर फूलों की घाटी (Valley of Flowers) के अलावा भी एक और फूलों की घाटी (Valley of Flowers) मौजूद है| जब भी हम पहाड़ों पर खूबसूरती की बात करते हैं तो फूलों की घाटी का जिक्र ज़रूर आता है। बहुत लोग इस जगह को अपना ड्रीम डेस्टिनेशन भी कहते हैं, वजह है यहाँ की अद्भुत सुंदरता।
चेनाप घाटी उत्तराखंड में फूलों का गुमनाम जन्नत (Chenap Ghati Anonymity of flowers in Uttarakhand)
उत्तराखंड (Uttarakhand) में पहाड़ों के बीच एक घाटी है जहाँ चारों तरफ कई प्रकार के बेहद खूबसूरत और खुशबूदार फूल दिखाई देते हैं। ये वाकई बहुत प्रिय और सुंदर है। लेकिन फूलों की घाटी (Valley of Flowers) के अलावा एक और घाटी है जहाँ फूलों की भरमार है। वो घाटी भी फूलों की घाटी की तरह ही फूलों से गुलज़ार रहती है लेकिन इस जगह के बारे में बहुत कम लोगों को पता है।
ब्लॉक मुख्यालय जोशीमठ (Joshimath) से 24 किंमी दूर समुद्र तल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर सोना शिखर के पास पांच वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली फूलों की इस जन्नत को लोग ‘चेनाप घाटी (Chenap Ghati)’ के नाम से जानते हैं |
यह घाटी विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा स्थल औली के ठीक सामने हिमाच्छादित चोटिंयों की तलडटी में स्थित है। बेहद खूबसूरत और अद्भुत चेनाप घाटी (Chenap Ghati) में जून से लेकर अक्टूबर तक यहां लगभग 345 प्रजाति के दुर्लभ हिंमालयी फूल खिलते हैं, बावजूद इसके उत्तराखंड (Uttarakhand) के पर्यटन मान चिंत्र पर इस चेनाप घाटी (Chenap Ghati) का जिक्र बहुत काम ही मिलता है।
प्रकृति ने संवारी चेनाप घाटी के फूलों की क्यारियां (Nature has decorated Chenap Ghati flower beds)
चेनाप घाटी (Chenap Ghati) का सबसे बड़ा आर्काण है, वहां प्राकृतिक रूप से बनी एक से डेढ़मील लंबी मेड़ और क्यारियां | देव पुष ब्रह्मकमल की क्यारियों को देखकर तो ऐसा प्रतीत होता है, जैसे किसी कुशल शिल्पी ने इन्हें करीने से सजाया हो।
देव पुष्प ब्रम्हकमल को अगर देखना है तो आपको चेनाप घाटी (Chenap Ghati) आना चाहिए। ये क्यारियाँ ब्रम्हकमल से भरी हुई हैं। इन क्यारियों को ‘फुलाना’ कहते हैं स्थानीय लोगों में किवदंती प्रचलित है कि यहां आंछरियां (यानि परी ) मौजूद है जो चेनापघाटी में स्थित इन क्यारियां में फूलों की खेती करती हैं। इसके अलावा यहां दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों और औषधीय जड़ी-बूटियों का भी समृद्ध भंबर और भंडार मौजूद है।
चेनाप घाटी की पौराणिक मान्यता (Mythological recognition of Chenap Ghati)
चेनापघाटी (Chenap Ghati) के बारे में पुराणों में उल्लेख है कि उत्तनी गंधमादन पर्वत और बदरीवन के फूलो में नहीं पाई जाती, जितनी कि चेनाप बुग्याल के फूलों में । कहा गया है कि राज विशाला ने हनुमान चटूटी में विशाल यज्ञ का आयोजन किया था। जिस कारण बदरीवन और गंधमादन पर्वत के फूलों की खुशबू खत्म हो गई।
भले ही चेनापघाटी के बार में देश- दुनिया को जानकारी बहुत कम ही हो, लेकिन भारत के पश्चिमी राज्य पश्चिम बंगाल के लोगो का बहुत पसंदीदा स्थान है। अक्सर यहां बंगाली पर्यटकों को ट्रेक करते देखा जा सकता है। सुविधाएं न होने के बावजूद बंगाल के पर्यटक हर साल काफी संख्या में चेनापघाटी का दीदार करने आते है और यह पश्चिम बंगाल के लोगों का पसंदीदा टैक है।
वैसे तो चेनाप घाटी (Chenap Ghati) की सुंदरता बारहों महीने बनी रहती है। लेकिन, जुलाई से मितंबर के बीच घाटी में रंगत बनी रहते है यहां जुलाई से सितंवर माह के मध्य यहां खिलने वाले नाना प्रकार फूलों का सौंदर्य अभिभूत कर देने वाला होता है। सितंबर के बाद धीरे-धीरे फूल सूखने लगते हैं।हालांकि,हरियाली का आकर्षण फिर भी बना रहता है।
चेनाप घाटी के मुख्य आकर्षण स्थल (Main attractions of Chenap Ghati)
- चनाण हल : चेनाप घाटी (Chenap Ghati) के वुग्याल स्थान में मौजूद फूलों की प्राकृतिक क्यारी को “चनाण हल’ नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि हर साल देवी नंदा के धर्म भाई लाटू देवता यहां हल लगाने आते हैं और यह क्यारी तैयार करते हैं।
- लाटू कुंड : चेनाप वुग्याल के बाये और एक विशाल कुंड स्थित है, जो अब दलदल का रूप ले चुका है। इस कुंड को लाटू कुंड के नाम से जाना जाता है।
- जाख भूत धारा (झरना) : चेनाप वुग्याल के ठीक सामने काला डांग (ब्लैक स्टोन) नामक चोटी से निकलने वाले विशाल झरने को जाख भूत धारा नाम से जाना जाता है।
- मस्क्वास्याणी : चेनाप बुग्याल के बायीं ओर ब्रह्म कमल की एक विशाल क्यारी है, जो जुलाई से लेकर सितंबर तक हरी-भरी रहती है। इसे मस्कवास्याणी नाम दिया गया है।
- फुलाना बुग्याल : चेनाप बुग्याल से 400 मीटर दूर 130 डिग्री के ढलान पर जड़ी-बूटियों (कड़वी, अत्तीस, हाथ जड़ी) एवं फूलों की एक विशाल क्यारी है। इसे ग्रामीण फुलाना बुग्याल नाम से जानते हैं।
- काला डांग : चेनाप वुग्याल के ठीक सामने एक विशाल काले पत्थर की चोटी है, जो सितंबर तक हिमाच्छदित रहती है। काला होने के कारण यह चोटी बेहद आकर्षक नजर आती है। स्थानीय लोग इस काला डांग के नाम से पुकारते है।
चेनाप घाटी कैसे पहुंचे ? (How to reach Chenap Ghati)
चेनाप घाटी (Chenap Ghati) जाने के लिए विकासखंड मुख्यालय जोशीमठ से दो रास्ते जाते हैं। चेनापघाटी के लिए मुख्य रास्ता जोशीमठ के समीप मारवाड़ी पुल से होकर जाता है। इनमें एक रास्ते से चेनाप घाटी (Chenap Ghati) जाकर दूसरे से वापस लौटा जा सकता है।
एक रास्ता थैंंग गावं के घिवाणी तोक और दूसरा मेलारी टॉप से होकर जाता है। यह तीन दिन का ट्रैक है। पहले दिन मारवाड़ी से करीब आठ किमी की दूरी तय कर थैंंग गावं और दूसरे दिन यहां से 6 किमी दूर घार खर्क पहुंचा जाता है। यहां से चार किमी के फासले पर चेनापघाटी है। यह दूर तीसरे दिन तय होती है।
मेलारी टॉप से हिमालय की दर्जनों ऊँचे ऊँचे पर्वत श्रृंखलाओं का नजारा देखते ही बनता है। इसके अलावा बदरीनाथ हाइवे पर वैनाकुली से खीरों व माकपाटा होते हुए भी चेनापघाटी पहुंचा जा सकता है। यह 40 किमी लंबा ट्रैक है, जो खासतौर पर बंगाली पर्यटकों की पसंद माना जता है।
वर्ष 2013 की आपदा में जब फूलों की घाटी जाने वाला रास्ता ध्वस्त हो गया तो प्रकृति प्रेमी, ट्रेकिंग करने वाले पर्यटक यहां पहुंचने लगे। इसके बाद ही लोगों ने इस घाटी के में जाना।
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