सुंदरढुंगा घाटी, बागेश्वर (Sunderdhunga Ghati, Bageshwar) अद्भुत है, सुंदरढुंगा घाटी (Sunderdhunga Ghati) का सौंदर्य, जो हिमालय की घाटी में बसा सुंदर, और अविश्सवनीय हैं। आप चौंक रहे कि हिमालय की यह कैसी घाटी होगी ? सुनहरे पत्थरों की इस घाटी को सुंदरढूंगा (Sunderdhunga) कहते हैं। भले ही आपका सफर पैदल रहेगा और आपको थका सकती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। जहां चाह, कहां राह होती है। सुंदरढुंगा घाटी (Sunderdhunga Ghati) की सुंदरता और हिमालय का आभामंडल आपकी सारी थकान दूर कर देगा।
अद्भुत है, सुंदरढुंगा घाटी का सौंदर्य (Amazing Beauty of Sunderdhunga Ghati)
भारत के हिमालयी राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand) के कुमाऊं मंडल (Kumaon Mandal) में स्थित बागेश्वर (Bageshwar) जिले में आने वाली इस घाटी को सुंदरढूंगा इसलिए कहा गया, क्योंकि यहां सुनहरे पत्थर मौजूद हैं। “ढूंगा” एक कुमाऊंनी शब्द है, जिसका अर्थ “पत्थर” होता है।
कहा जाता है कि इस घाटी के नजदीक एक बड़े पत्थर के पास से सोने के कण निकलते थे। स्थानीय लोगों का मानना है कि, ‘भेड़-बकरियों के चरवाहे ने यहां से निकलने वाली नदी में जब अपने कपड़े धोए तो उसमें सोने के चमकते कण चिपक गए थे।
हालांकि इसे लेकर कई शोध हुए और ऐसा कुछ भी नहीं मिला। निष्कर्ष यह निकला कि एक खास कोण से सूर्य की किरणों की लालिमा में नदी में बहते रेत के कण सुनहरे होने का भ्रम पैदा करते हैं।
सुंदरढूंगा घाटी : एडवेंचर ऑफ़ कुमाऊं (Sunderdhunga Ghati : Adventure of Kumaon)
बागेश्वर जिले स्थित सुंदरढुंगा (Sunderdhunga) यह घाटी बेहद खूबसूरत और अद्भुत है, परन्तु जितने सुंदर यह देखती है उतना यहाँ पहुंचना बड़ी चुनौती भी है। यहाँ पहुंचने के लिए तैयारी पूरी रखनी पड़ती है। अक्सर सुंदरढुंगा घाटी को लोग ग्लेशियर कहते है, जबकि यहाँ ग्लेशियर नहीं है।
मैक्तोली, थारकोट, पंवालीद्वार, मगथूनी आदि चोटियों की जड़ पर फैला विस्तार ही सुंदरढूंगा घाटी (Sunderdhunga Ghati) है। क्ठहलिया से आगे मैक्तोली तथा थारकोट ग्लेशियर से उद्गमित नदियों का संगम है। इस घाटी को ट्रैक करना ब्रेशक चुनौती है, मगर वहां पहुंचने के बाद एक अलग अनुभव मिलता है।
कुमाऊं में सबसे अच्छा ट्रेकिंग मार्ग, जो पहले अल्मोड़ा (Almora) जिले में स्थित था और अब बागेश्वर जिले में स्थित है, इसके गलियारों पर नंदकोट , छांगुच और नंदघूण्टी स्थित है। पिंडारी ग्लेशियर के पूर्व और पश्चिम में कफनी ग्लेशियर व तली में नंदकोट और सुंदरढूंगा घाटी (Sunderdhunga Ghati) हैं।
आगे पश्चिम में नामीक ग्लेशियर से रामगंगा नदी शुरू हो जाती है। इनमें से पिंडारी ग्लेशियर में 3 किमी लंबा और 1/4 के.मी. चौड़ा व दक्षिण-पश्चिमी ढलान पर नंदा देवी अभयारण्य से व्यापक रूप से जुड़ा हुआ है।
सुंदरढुंगा घाटी कहाँ स्थित है ? (Where is Sunderdhunga Ghati located?)
बागेश्वर जिले के उत्तर भाग स्थित कपकोट के हिमालयी क्षेत्र को प्रकृति ने अपने अनमोल खजाने से भरा है। यहां मनोहारी दृश्यों की भरमार है। इन्हीं में से एक सुंदरढुंगा घाटी भी है। विशाल भू-भाग में फैले इस घाटी में पहुंचने पर तो स्वर्गानुभूति हो जाती है।
इसी क्षेत्र में पवित्र देवी और नंदा कुंड हैं। कुंडों के चारों ओर ब्रह्मकमल खिलते हैं। कुंडों से श्रद्धालु जल और ब्रह्मकमल तोड़कर ले जाते हैं। घाटी पर भोर में पड़ने वाली सूरज की सुनहरी किरणें तो तन, मन को प्रफुल्लित कर देती हैं। कुदरत ने इस क्षेत्र को क्या खूब संवारा है।
सुंदरढूंगा घाटी कैसे पहुंचे ? How to reach Sunderdhunga Ghati ?
बागेश्वर (Bageshwar) से कपकोट, कर्मी, खर्किया, खाती, जातौली होते हुए सुंदरढूंगा घाटी (Sunderdhunga Ghati) तक पहुंचाजा सकता है। सिर्फ खर्किया तक ही वाहन जा सकते हैं यहां से पैदल सफर शुरू हो जाता है। उबड़-खाबड़ रास्ते खर्किया से पर्यटक सात किमी दूर पैदल खाती पहुंचते हैं।
सुंदरढूंगा (Sunderdhunga) नदी को पार करने के बाद हत्की सी चढ़ाई और फिर सीधे रास्ते मैं रिटिंग गांव पड़ता है। वहां से सात किमी पैदल जैंतोली पहुंचते हैं। 16 किमी पैदल चलकर कठेलिया पहुंचा जाता है। जातोली में ट्रैकरों के तिए रहने की भी व्यवस्था रहती है।
जातोली से 7 किमी चलने के बाद खूबसूरत और अद्भुत सुंदरढूंगा घाटी (Sunderdhunga Ghati) देखने को मिलती है। बागेश्वर (Bageshwar) से यहां की दूरी करीब 54 किलोमीटर पड़ती है।